दो लड़कों ने मिलकर मेरी गांड फाड़ दी- 1

सेक्सी गांड होल सेक्स कहानी में मुझे गांड मरवाने की आदत थी. मैं अपने गाँव आया तो अपने लिए लंड खोजने लगा. गाँव के एक मजबूत लड़के ने मेरी भावना भाम्प ली.

नमस्कार दोस्तो, मैं आप सभी के खड़े लंड को अपने मुँह में लेकर स्वागत करती हूँ. यह मैंने लड़की बनकर इसलिए लिखा ताकि आपको मेरे अन्दर की लड़की दिख सके.

मेरा नाम शिवम है. मैं ट्रांसजेंडर हूँ और अभी 22 साल का हूँ.

मेरे बदन का रंग एकदम गोरा है. गांड उभरी हुई गोल मटोल है.
आप मेरे बूब्स एक ट्रांसजेंडर के नजरिए से देखेंगे तो अब काफी बड़े हो चुके हैं क्योंकि मैं खुद रोजाना अपने मम्मों की मालिश करता हूँ और उन्हें जोर जोर से दबाता हूँ.

मैं मुंबई में अकेला ही रहता हूँ. मेरा पूरा परिवार गांव में रहता है.
मुझे बड़े और मोटे लंड अपनी गांड में लेना बहुत पसंद है.

यह सेक्सी गांड होल सेक्स कहानी मेरी खुद की है और उस समय की है जब मैं गांव गई थी.

यहां पर मैं खुद को लड़की ही बता कर लिख रही हूँ.
उस लड़के ने भी मुझे लड़की बना कर चोदा था.

उस समय मैं गर्मी की छुट्टी में गांव गई थी.
मुझे गांव आए 3 दिन हो गए थे और मेरी गांड में आग लगी थी.

मुम्बई में तो कैसे भी गांड मरवा लेती थी पर यहां किसी का लंड ले पाना थोड़ा मुश्किल काम था.
उधर तो किसी भी बस स्टॉप पर लंड मिल जाता था.

हुआ यूं कि मैं गांव में एक दिन रात को अपने दोस्त से बात कर रही थी जो मुंबई में मेरी गांड मारता था.

उसी वक्त मेरी नजर एक लड़के पर पड़ी.
वह एकदम हट्टा-कट्टा था.
वह मेरी बात सुन रहा था.

उसको मेरी बातों से पता चल गया था कि मैं ट्रांसजेंडर हूँ.

इस बात से मैं थोड़ी सी घबरा गई और अपने घर के तरफ चली गई.

अगले दिन वह लड़का मुझे पुनः दिखा.
आज उसने मुझसे बात करने की कोशिश की.

मैं इतनी आसानी से उससे बात नहीं करना चाहती थी.
तो मैं उसे देख कर आगे को चल दी.

थोड़ी दूर चलने के बाद उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया और बोला- मुझे पता है तुम ट्रांसजेंडर हो और तुम्हें गांड मरवाना अच्छा लगता है.
मैं चुप रही और थोड़ा आगे को बढ़ी.

फिर मैंने धीमे से कहा- ऐसा कुछ भी नहीं है!

उसने थोड़ी देर तक मुझे बातें की और मुझसे कुबूल करवा लिया कि मैं अपनी गांड में लंड लेती हूँ.

मैं मन ही मन खुश थी कि यह सैट हो गया तो समझो काम चल जाएगा.

अब उसने अपना परिचय दिया.
उसका नाम मनीष था.

हम दोनों ने अपने अपने नम्बर एक्सचेंज किए और मैं बाद में मिलने की बात कह कर चली गई.

रात को उसने कॉल किया और बात करने लगा.

उसने मुझसे कहा- तुम मुझे अच्छी लगती हो. मुझे तेरी लेनी है.
मैंने भी उसको हां बोल दी.

उसने कहा- मैं तुम्हें शिवम की जगह शिवानी बुला रहा हूँ. कोई दिक्कत तो नहीं है?

मुझे उसके मुँह से अपना नया नाम शिवानी सुनकर और अच्छा लगने लगा.

ऐसे ही दो दिनों तक हम दोनों बातें करते रहे.
हम एक दूसरे से घुल-मिल गए थे.

एक दिन उसने मुझसे लड़की बनने को बोला.

मैं थोड़ी भड़क गई और बोली- ये कैसे हो सकता है?
उसने कहा- मैं करूंगा, तू बस हां बोल.

मैंने हां बोल दी.

अगले दिन उसने मुझसे कहा- मैं आज तुम्हें चोदना चाहता हूं.
उसके मुँह से चोदना शब्द सुन कर मेरी गांड में तो समझो आग लग गई थी.

मैंने भी बिना देर किए उससे चुदने के लिए हां बोल दी.

उसी दिन शाम को उसने मुझे लड़की बना कर चोदने का प्लान बनाया.

शाम को मैं घर पर अकेली थी.
मेरे घर वाले तीन दिन के लिए बाहर गए थे.

तभी मेरे घर के दरवाजे पर दस्तक हुई.
मैंने दरवाजा खोला, तो मेरे सामने मनीष एक बैग लिए हुए खड़ा था.

उसे मैंने जल्दी से अन्दर आने को कहा और दरवाजा बंद कर दिया.

अन्दर आते ही वह मुझ किस करने लगा और मैं भी उसकी साथ देने लगी.

पांच मिनट किस करने के बाद हम दोनों अलग हो गए.

घर पर अकेले होने की वजह से मैंने शॉर्ट पैंट और हॉफ स्लीव टी-शर्ट पहनी थी, जिसमें से मेरी गोरी गोरी टांगें और गोल गांड का उभार साफ नजर आ रहा था.
मेरे बूब्स भी थोड़े से उभरे हुए दिख रहे थे.

मैंने पूछा- इस बैग में क्या है?
वह बोला- तुम खुद ही देख लो.

मैंने जल्दी से बैग खोला, तो देखा कि उसमें लड़कियों की जरूरत की सारी चीजें थीं.
साथ ही कुछ खाने की चीजें भी थीं.

मनीष मेरे लिए पिंक पैंटी और ब्रा लेकर आया था और लाल रंग की सिल्की साड़ी और बिना आस्तीन वाला ब्लाउज, मैचिंग का पेटीकोट. इसके अलावा लाल रंग की लिपस्टिक, नकली मंगलसूत्र, सिंदूर, औरतों के नकली बाल और मेकअप का सारा सामान था.
मुझे ये सब देख कर बहुत अच्छा लगा.

फिर मैंने हम दोनों के लिए कॉफ़ी बनाई और साथ में पी.
साथ ही हम दोनों ने कुछ स्नेक्स खाए.

ये सब करने में सात बज गए.

फिर मैं बोली- जाइए शेविंग कर लीजिए, तब तक मैं भी तैयार हो जाती हूं!
मनीष अपने घर चला गया और मैं भी तैयार होने लगी.

मैं बाथरूम में गई और अपने कपड़े निकाल कर नंगी हो गई.

मेरी एक इंच की लुल्ली दिख रही थी और मैं अपनी गांड के और लंड के आस पास के बालों को शेव करने लगी.

कुछ ही देर में मैं अच्छे से साफ सफाई करके नहा ली और नंगी ही अपनी मम्मी की ड्रेसिंग टेबल पर आ गई.

मैंने लड़की बनने का सारा सामान सामने रखा और तैयार होने लगी.

सबसे पहले मैंने नकली बाल अच्छे से लगाए और खुद को मिरर में देखने लगी.
मैं एकदम लड़की दिख रही थी.

फिर मैंने गुलाबी रंग की पैंटी व ब्रा पहनी और बूब्स को ऊपर उठा कर ब्रा में अच्छे से सैट किया.
मेरे बूब्स ऊपर से उठे हुए दिख रहे थे.

इसके बाद मैंने पेटीकोट पहना और ब्लाउज पहना.
उस ब्लाउज में से मेरे स्तनों के उभार खुल कर दर्श रहे थे.

मैंने आईने में देख कर अपने मम्मों के क्लीवेज पर ब्राइटिंग जैल लगाई जो मनीष के लौड़े की आग को भड़काने में मदद करने वाली थी.

फिर मैंने साड़ी पहनी और मेकअप किया. अब मैं एकदम लड़की लग रही थी.

सबसे आखिर में मैं रेड लिपस्टिक लगाई और लेडीज परफ्यूम छिड़क कर रंडी बन कर गांड मरवाने के लिए तैयार हो गई.

मैंने भी एक प्लान बनाया था कि मैं दुल्हन जैसी तो सज ही गई हूँ तो क्यों न आज अपने स्टाइल में मनीष के साथ शादी करूं और सुहागरात मनाऊं.

यह सोच कर मैंने एक थाली में मनीष के स्वागत के लिए सारा सामान सजाया और खुद की एक सेल्फी लेकर उसको भेज दी.

मनीष ने फ़ोटो देखी तो वह खुश हो गया.
मैं उसके आने का इंतजार करने लगी.

थोड़ी देर में दरवाजे पर दस्तक हुई.
मैंने दरवाजा खोला तो मेरे होश उड़ गए. क्योंकि मनीष के साथ एक और लड़का था … जो एकदम काला कलूटा था और किसी सांड के जैसा लग रहा था.

वह शरीर से मनीष से दुगना तंदरुस्त लग रहा था.

मैंने फिर से एक बार सोचा और अंत में अपने सर को झटक कर गांड फड़वाने का मन बना लिया.

अब मैंने हाथ में ली हुई थाली से दोनों की आरती उतारी और उन दोनों का स्वागत करके उन्हें अन्दर आने का इशारा किया.

वे दोनों अन्दर आ गए.

मनीष मुझको साइड में ले गया और बोला- आज हम दोनों मिल कर तुम्हारे साथ सुहागरात मनाएंगे.

मैं थोड़ी गुस्सा हुई और उसे मना करने लगी.
पर मन तो मेरा भी दो दो लंड लेने का था.

फिर थोड़ी देर मनाने के बाद मैंने हां बोल दी.
आज मेरी दर्दनाक सुहागरात होने वाली थी.

उसने कहा- चलो आज हम दोनों अपने स्टाइल में तुमसे शादी करेंगे फिर सुहागरात मनाएंगे.

हम तीनों बेड पर चले गए.

उधर मैंने दुल्हन की तरह बैठ कर अपनी मांग खोल दी.

उन दोनों ने अपना अपना लंड पैंट से बाहर निकाल लिया और लंड पर सिंदूर लगा कर मेरी मांग में भर दिया.

मैंने दोनों के लंड पर किस कर दी.

अब बारी थी मंगलसूत्र पहनाने की … तो मनीष ने अपने लंड से मंगलसूत्र उठाया और मेरे गले में डाल दिया.
मैंने वापस से एक एक किस दोनों के लंड पर की.

माफ कीजिएगा मैं तो मनीष के दोस्त का परिचय देना ही भूल गई.
उसका नाम धनंजय था. वह एक किसान था.

हमारी शादी तो हो गई थी, अब बारी थी सुहागरात की.

अपनी पहली रात पर कोई लड़की दो दो मर्दों से सुहागरात मनाएगी, तो समझिए कि वह खुशनसीब लड़की होगी.

आज वह खुशनसीब लड़की मैं थी.

मनीष ने मुझसे पूछा- तुम्हें कोई दिक्कत तो नहीं है न … तुम राजी हो न!
मैंने बोला- हां मेरे राजा, आज तुम दोनों मिल कर मेरी सेक्सी गांड होल फाड़ दो!

मेरे इतना कहते ही वे दोनों मेरे ऊपर टूट पड़े.

उसका दोस्त मेरी गांड दबाने लगा और मनीष मुझे किस करने लगा.

वे दोनों जवान मर्द मुझे किस करने लगे थे, मुझे उनकी संगत में बड़ा सुख मिल रहा था.

तभी धनंजय मेरे मुँह पर अपना मुँह लाया और उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसा दी.
वह मुझे किस करने लगा.

उसके खुरदुरे से होंठ मुझे पागल कर रहे थे.

उधर मनीष कभी मेरी गांड तो कभी बूब्स दबा रहा था.

दोनों ने मिल कर मेरी साड़ी निकाल दी.
अब मैं ब्लाउज और पेटीकोट में थी और उन दोनों मर्दों पर कयामत ढा रही थी.

दोनों फिर से मुझे चूमने चाटने लगे.

पांच मिनट बाद मनीष मेरे ब्लाउज के बटन खोल रहा था तो धनंजय मेरे पेटीकोट पर लगा था.

आज मैं उनकी गुलाम हो गई थी.
उनका जो मन कर रहा था, वे कर रहे थे.

जल्द ही मैं पैंटी और ब्रा में थी.

मैं उन दोनों की वासना की आग को बढ़ा रही थी.

तभी धनंजय बोला- भाई ये तो एकदम मस्त माल है, कहां से लाया?
मनीष बोला- भाई, इसे मैं मुंबई से स्पेशल हम दोनों के लिए लाया हूँ. तेरा जो मन करे, तू इसके साथ वह कर!

यह सब सुनकर मेरी आग भी बढ़ गई.

उन्होंने मुझ किस करना चालू कर दी.

किस के दौरान उन दोनों का लंड मुझ आगे पीछे से चुभ रहा था.

ऐसे करते करते रात के 10 बज चुके थे.
अब मैं किचन से एक व्हिस्की की बोतल, बियर की तीन बोतलें और चखना आदि ले आई; साथ में मैं 3 ग्लास और पानी ले आई थी.

मैंने तीन पैग बनाए और बियर के साथ व्हिस्की पीने लगे.

व्हिस्की और बियर पीने के बाद हमारा कार्यक्रम फिर से चालू हुआ.

अब उन दोनों से रहा नहीं गया और धनंजय ने पैंटी ब्रा फाड़ दी.
मैं नंगी हो गई.
मेरी गोरी गांड और छोटे छोटे बूब्स दिखने लगे.

मनीष ने कहा- चलो मेरी शिवानी, अब हम दोनों को खुश करो.
मैं उन दोनों की पैंट खोलने लगी.

उन दोनों की पैंट मैं ऐसे खोल रही थी, जैसे मुझको लॉलीपॉप का जोड़ा मिलने वाला हो.
दोनों ने पैंट और शर्ट उतार दिए.

मनीष का गोरा बदन मुझको लुभा रहा था और धनंजय का काला बदन मेरी गांड को बेकाबू कर रहा था.

फिर मेरी नजर उनके नीचे गई तो मैंने देखा कि मनीष का लंड 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था.

धनंजय का लंड 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा था.
इतने हैवी लौड़े देख कर मेरे तो होश उड़ गए.

मैंने देर न करते हुए दोनों के लंड हाथ में ले लिए.
सच में बहुत गर्म लंड थे दोनों के.

मैं पहले मनीष का लंड गप्प करके चूसने लगी.
‘सरुउउप्प्प … उउंम्म … आआअह.’

उसका सुपारा एकदम गुलाबी था जिसे मैं अपनी जीभ से चाट रही थी और धनंजय का लंड मेरे हाथ में था.
मैं उसे आगे पीछे कर रही थी.

धीरे धीरे मनीष का लंड अपनी औकात में आ गया.
अब धनंजय मेरे सामने आया, उसका लंड इतना मोटा था कि मेरे मुँह में जा ही नहीं रहा था.

तभी उसने मेरी मुँडी को पकड़ा और लंड को मुँह में धकेल दिया.
उसके लंड का कुछ भाग मुँह में चला गया और वह मेरे मुँह को चोदने लगा.

मैं भी लंड चूसने लगी.
‘सस्स्स ल्ल्ल्ल्ल् उप्प्प … सररुउपप …’

वे दोनों ऐसे ही मेरे मुँह में बारी बारी से लंड दे रहे थे और मैं उनके गन्ने जैसे मीठे लंड चूस रही थी.
पर वे दोनों ही झड़ने का नाम नहीं ले रहे थे.

दोस्तो, मेरी सेक्सी गांड होल सेक्स कहानी में आपको कैसा लग रहा है, प्लीज मुझे जरूर बताएं.
अभी दोनों जवान लंड मेरी गांड चुदाई करने वाले हैं.
मैं आपसे अगले भाग में गांड मरवाती हुई मिलती हूँ.
riteshsingh00873@gmail.com

About author

Rohan Gayak

Rohan Gayak

Master storyteller of gay kahani and desi romance, bringing heartfelt tales of love and passion to life for readers everywhere.


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